यूरोपियन यूनियन ने टेक कंपनियों को किया ओवरटेक
अब जल्द ही फेसबुक, व्हाट्सअप जैसी टेक कंपनियों की एक्टिव क्रिमनल एक्टिविटी पर रोक लगाने के लिए यूरोपीय यूनियन डिजिटल मार्किट एक्ट (DMA ) लगाने की तैयारी कर रही है। ये बड़ी कम्पनियाँ यूज़र्स के डाटा को अपने फ़ायदे के लिए प्रयोग करती है । उनकी ऐसी गतिविधियो के कारण डिजिटल प्लेटफार्म पर क्राइम बढ़ता जा रहा है । इसी हरकत से यूज़र्स की प्राइवेसी को भी नुकसान हो रहा है ।
एक्टिव 45,000 यूजर्स बनेगे गेटकीपर
अभी हाल फ़िलहाल गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, मेटा, अमेजन और एपल जैसी फेमस टेक कंपनियां गेटकीपर बनी हुई हैं। यूरोपीय यूनियन डीएमए एक्ट को लागू करने की नई ज़िम्मेदारी इन्ही गेटकीपर मानी जानी वाली कंपनियों को देगा। यहाँ पर कम से कम करीब 6 लाख करोड़ से ज्यादा (82 बिलियन डॉलर) के मार्केट कैपटेलाइजेशन वाली फर्म तो होगी ही पर इसके साथ 45,000 एक्टिव यूजर्स वाले ऐप या सोशल नेटवर्क प्लेटफॉर्म शामिल किये जायेगे।
उलंघन करने के क्या है नियम—-
जिस दिन यह कानून लागू हो जायेगा। उस दिन डिजिटल दुनिया में क्रांति आ जाएगी । डाटा का गलत इस्तेमाल करना उन्हें भारी पड़ेगा। उन पर जुर्माना लगाया जायेगा और अगर कंपनी फ़िर भी लगातार इसी तरह की गलत एक्टिविटी करती रही तो जुर्माने की रकम बढ़ा दी जाएगी । कानून तोड़ने पर भी जुर्माने की रकम में इजाफा होता जायेगा । अगर कोई भी गेटकीपर नियमो का पालन करने में विफल हो जाते हैं तो उनके पिछले कारोबार का 10% और फ़िर बढ़कर 20 % तक जुर्माना लगेगा । यूरोपीय यूनियन की कमिशनर मार्ग्रेथ वेस्टेगर का कहना है कि इस नए कानून से टेक्नोलॉजी क्षेत्र में हो रहे बिज़नेस का सबको पता चल जायेगा । यानि एक तरह की ट्रांसपेरेंसी से पूरी दुनिया अवगत होगी । हालांकि इस जुर्माने से बड़ी कंपनियों को कोई फर्क नहीं पड़ता है।
डिजिटल मार्किट एक्ट के आने से बड़ी डिजिटल कम्पनियों के साथ-साथ दूसरी छोटी कम्पनियाँ भी अपने प्लेटफार्म को और ज़्यादा प्रयोग में ला सकेगी और उन्हें भी उन्हें कम्पटीशन देने का पूरा मौका मिलेगा । DMA एक्ट वॉट्सऐप, फेसबुक मैसेंजर और आईमैसेज जैसे मैसेजिंग ऐप की इंटरऑपरेबिलिटी पर फोकस करते हुए छोटी कंपनी को इनके साथ तालमेल बैठाने का प्लेटफार्म देगा। अब यूज़र्स को बेहतर ऑप्शन दिए जायेगे ताकि वो अपना ब्राउज़र खुद चुन सकें। अब वह डिजिटल तकनीक का प्रयोग कर ज्यादा मैसेज कर सकता है ।
बड़ी टेक कम्पनियाँ पहले भी तोड़ चुकी है कानून ::
यूरोपीय यूनियन डीएमए एक्ट बहुत समय से लागू करने के लिए लड़ाई लड़ रहा है। अमेजन जो अपने प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने वाले थर्ड पार्टी के सेलर्स पर बेनिफिट के लिए अपने एनालिटिक्स का प्रयोग करता रहता है। उसे इस कानून द्वारा रोकने में मदद मिलेगी। इस कानून से केवल कुछ कंपनियों ही परेशान होती है। जुर्माने लगाने पर भी बड़ी टेक कंपनियों इसे हलके में लेती हैं। जैसे ऐपल के ऐप स्टोर पर जब नीदरलैंड में थर्ड पार्ट का डेटा गलत प्रयोग हुआ तो फाइन लगाया गया पर उसने अपने प्लेटफॉर्म में कोई भी बदलाव नहीं करा। बल्कि 5.5 मिलियन डॉलर वीकली जुर्माना देना बेहतर समझा।
डीएमए एक्ट यूरोपीय यूनियन के अंतर्गत आने वाली कंपनियों पर ही लागू किया जायेगा–
यह सिर्फ़ यूरोपीय यूनियन में स्थित कंपनियों पर ही लागू किया जायेगा। डिजिटल मार्केट एक्ट क्राइम एक्टिविटी को ख़त्म करने का बेहतरीन समाधान बन सकता है। इसके अंतर्गत गलती बार-बार दोहराए जाने पर लगाए गए जुर्माने की रकम तो बढ़ेगी ही पर अगर आप इन बदलावों को लागू नहीं कर पाए तो जुर्माना बढ़ सकता है। सख्त कार्यवाही के चलते इस कानून का फायदा सभी छोटी कंपनी को तो होगा पर यूज़र को भी सुरक्षित महसूस होगा ।