250+ राजनीति शायरी हिंदी Politics Shayari in Hindi

Politics Shayari in Hindi [राजनीति शायरी हिंदी]

 Politics Shayari in Hindi (राजनीति शायरी हिंदी)

समझना मुश्किल है लेकिन बहुत आसान सी नीति हूं
हां मैं राजनीति हूं चंद लोगो की वजह से
हर वक्त जहर पीती हूं हां मैं राजनीति हूं.!!

राजनीति शायरी हिंदी Politics Shayari in Hindi

सरकार को गरीबों का ख्याल
कब आता है चुनाव नजदीक आ जाए तो
मुद्दा उछाला जाता है !!

जिनको हम चुनते हैं वो ही हमें धुनते हैं
चाहे बीवी हो या नेता दोनों कहाँ सुनते हैं !!

इस बात से सलाम करना मेरी सूरत
का अंदाजा वह लोग लगाते हें जो मुझे
सलाम टोकते हैं जिन्हें तू सलाम करता है !

मुर्दा लोहे को औजार बनाने वाले
अपने आँसू को हथियार बनाने वाले
हमको बेकार समझते हैं सियासत दांर
मगर हम है इस मुल्क की सरकार बनाने वाले !!

सरहदों पर बहुत तनाव है क्या
कुछ पता करो चुनाव है क्या !!

शेर खुद अपनी ताकत से जंगल का
राजा कहलाता है जंगल में चुनाव नहीं
होते वरना चिड़ीया जानवर भी बादशाह कहलाते !!

चोर बेईमान और भ्रष्ट नेताओं की क्यों करते
हो बात लोकतंत्र की ताकत है जनता में
दिखला दो इनकी औकात !!

Politics Shayari in Hindi (राजनीति शायरी हिंदी)

 Politics Shayari in Hindi (राजनीति शायरी हिंदी)

कैसी है ये ज़िम्मेदारी सांई की
जनता जान गयी मक्कारी सांई की
देश को लूटने वाले लूट के ले जाएं
मान गये हम चौकीदारी सांई की !!

दुनिया कहती हैं तेरी दोस्ती
कम क्यों हैं लेकिन वह नहीं जानते कि
मेरे दोस्त सारे किंग है !!

मूल जानना बड़ा कठिन हैं नदियों का वीरो का
धनुष छोड़कर और गोत्र क्या होता हैं रणधीरो का
पाते हैं सम्मान तपोबल से भूतल पर शूर
जाति-जाति का शोर मचाते केवल कायर क्रूर !!

जो तौर है दुनिया का उसी तौर से बोलो
बहरों का इलाका है ज़रा ज़ोर से बोलो !!

चुनावों में दुनिया को देखो मुस्कुराती
और खुशिया बनाती नजर आएगी !

जहाँ सच हैं वहाँ पर हम खड़े हैं
इसी खातिर आँखों में गड़े हैं !!

ऐसा कोई ईलाका नही जहां अपना कहर
नहीं ऐसी कोई मोहल्ला नही
जहां अपनी चली नही !!

नेता की बातों में सच्चाई का
अभाव होता है
झूठ बोलना तो इनका
स्वभाव होता हैं !!

Politics Shayari in Hindi [राजनीति शायरी हिंदी]

 Politics Shayari in Hindi (राजनीति शायरी हिंदी)

नेता भी क्या खूब ठगते हैं
ये तो 5 साल बाद ही दिखते हैं !

वो चाहता था कि कासा खरीद ले मेरा
मैं उसके ताज की क़ीमत
लगा के लौट आया !!

मुझसे नफरत ही करनी है तो इरादे
मजबूत रखना जरा सी भी चूके तो
चुनावों में जीत मेरी होगी !!

नजर वाले को हिन्दू और
मुसलमान दिखता हैं
मैं अन्धा हूँ साहब मुझे तो हर
शख्स में इंसान दिखता हैं !!

ये लोग पांव नही जे़हन से अपाहिज है
उधर चलेगे जिधर रहनुमा चलाता है

हमे पढ़ पाना हर किसी की बस की बात नही है
मैं वह किताब हूं जिन शब्दों की जगह
चुनावों की कहानी लिखता हूँ !

मैं अपनी आँख पर चशमाँ चढ़ा कर
देखता हूँ नजर उतना ही आता हैं की ज़ितना
वो दिखाता है मैं छोटा हू मगर हर बार कद
अपना बढ़ा कर देखता हूँ !!

जो आज साहिबे मसनद हैं कल नहीं होंगे
किराएदार हैं ज़ाती मकान थोड़ी है
सभी का ख़ून है शामिल यहां की मिट्टी में
किसी के बाप का हिंदोस्तान थोडी है !!

Politics Shayari in Hindi [राजनीति शायरी हिंदी]

 Politics Shayari in Hindi (राजनीति शायरी हिंदी)

चुनावों का बादशाह हूं और कलम
मेरी पंचायत मेरी गुलाम बाकी
मालिक की मेहरबानी !!

लोकतंत्र जब अपने असली
रंग में आता हैं
तो नेताओं की औकात का
पता चल जाता हैं !!

बुलंदी देर तक किस शख़्स के
हिस्से में रहती है
बहुत ऊँची इमारत हर घड़ी
खतरे में रहती है !!

दुनिया को आज मुझ पर हजारो
गलतिया नजर आते हैं कभी वही
लोग हमारी गलती पर भी ताली बजाते हैं !

तुम से पहले वो जो इक शख़्स यहाँ
तख़्त-नशीं था
उस को भी अपने ख़ुदा होने पे
इतना ही यक़ीं था !

नए किरदार आते जा रहे हैं
मगर नाटक पुराना चल रहा है !!

खेल चुनाव का हो या जिंदगी
का अपना इक्का तभी दिखाना
जब सामने बिग शेर हो तब !

तबाह कर दिया अहबाब को
सियासत ने मगर मकान से
झंडा नहीं उतरता है !!

में तो इलेक्सन का बादशाह हूँ
जो सुनते भी दिल की आवाज हैं
और करते भी अपनी हैं !!

Politics Shayari in Hindi (राजनीति शायरी हिंदी)

 Politics Shayari in Hindi (राजनीति शायरी हिंदी)

सभी एक जैसा ही लिखते है
बस मतलब बदल जाते है
सरकारे वैसे ही चलती हैं बस
वजीर-ए-आजम बदल जाते हैं !

धुआं जो कुछ घरों से उठ रहा है
न पूरे शहर पर छाए तो कहना !!

आज भी चुनावों का खेल अकेले ही खेलता हूँ
क्योंकि जनता के विरुध चाल चलना
मेने नहीं सिखा हें !!

गंदी राजनीति का यह भी एक परिणाम हैं
बीस रूपये एक बोतल पानी का दाम हैं !!

जो दोस्त हैं वो मांगते हैं सुलह की दुआ
दुश्मन ये चाहते हैं कि आपस में जंग हो !!

हम दिल से जरा से अच्छे हैं तभी
ही तो चुनाव जीत रहे हैं बुरे होते
तो जनता जीतने नहीं देती !!

मुझको तमीज की सीख देने वाले
मैंने तेरे मुँह में कई जुबान देखा है
और तू इतना दिखावा भी ना कर
अपनी झूठी ईमानदारी का
मैंने कुछ कहने से पहले अपने
गिरेबां में देखा है !!

दुश्मन भी मेरे मुरीद है शायद
वक़्त बे वक़्त मेरा नाम लिया करते है
मेरे गली से गुजरते है छुपा के खन्जर
रू-ब-रू होने पर सलाम
किया करते है !!

Politics Shayari in Hindi (राजनीति शायरी हिंदी)

 Politics Shayari in Hindi (राजनीति शायरी हिंदी)

हम अपना स्टेटस पंचायत राज
के चुनावों में अपडेट करते हैं
पैसों पर नहीं जनता पर राज करते हें !!

सियासत की रंगत में ना डूबो इतना
कि वीरों की शहादत भी नजर ना आए
जरा सा याद कर लो अपने वायदे जुबान को
अगर तुम्हे अपनी जुबां का कहा याद आए !!

राजनीति में अब युवाओं को भी आना चाहिए
देश को ईमानदारी का आईना दिखाना चाहिए
युवा नेता शायरी !

न मस्जिद को जानते हैं
न शिवालो को जानते हैं
जो भूखे पेट हैं
वो सिर्फ निवालों को जानते हैं !!

दुश्मनों से इलेक्सन जितने लगा हूँ
तब से उनके ख्वाब टूटने लगे हें !!

क्या खोया क्या पाया जग में
मिलते और बिछुड़ते मग मे
मुझे किसी से नही शिकायत
यद्यपि छला गया पग-पग में !!

तु मेरा मुकाबला कहा करेगी बावली
हम तो वह जनाब हैं
जो सर्दियों में भी बड़ी बड़ी हस्तियों
के पसीने को छुड़वा देते हैं !!

सवाल जहर का नहीं था वो तो मैं पी गया
तकलीफ लोगों को तब हुई
जब मैं फिर भी जी गया !!

आज मैं अकेला ही हूं तो क्या हुआ
एक दिन उसे भी
मेरे लिए तड़ पना ही पड़ेगा
सब सुनना साल लगेगा !!

Politics Shayari in Hindi (राजनीति शायरी हिंदी)

 Politics Shayari in Hindi (राजनीति शायरी हिंदी)

वाह रे वाह भारत का महान कानून यहां
नाबालिक शादी करे तो जुर्म और
बलात्कार करे तो माफी और साथ मे
सिलाई मशीन फ्री !

हमारी रहनुमाओ में भला इतना गुमां कैसे
हमारे जागने से नींद में उनकी खलल कैसे !!

मुझे कर्म करने से मंजिल नहीं
मिल रही है अब बड़ा कांड करके
देखेंगे पंचायती राज !!

अगर कोई आपको भक्त कहकर
संबोधित करे तो समझ जाओ वो अपना
परिचय चमचे के रूप में दे रहा है !!

सियासत की रंगत में ना डूबो इतना
कि वीरों की शहादत भी नजर ना आए
जरा सा याद कर लो अपने वायदे जुबान को
अगर तुम्हे अपनी जुबां का कहा याद आए !!

इस नदी की धार में ठंडी हवा तो आती हैं
नाव जर्जर ही सही लहरों से टकराती तो हैं !

न मस्जिद को जानते हैं
न शिवालो को जानते हैं
जो भूखे पेट हैं
वो सिर्फ निवालों को
जानते हैं !!


सियासत को लहू पीने की लत है
वरना मुल्क में सब खैरियत !!


Politics Shayari in Hindi (राजनीति शायरी हिंदी)

 Politics Shayari in Hindi (राजनीति शायरी हिंदी)

बारी-बारी लूट रहे है लगा-लगा कर अपना
फेरा सामूहिक चुप्पी के
नीचे पलता है बेशर्म अँधेरा !!

रहनुमाओं की अदाओं पे फ़िदा है दुनिया
इस बहकती हुई दुनिया को सँभालो यारो !!

हल्दी घाटी का युद्ध याद अकबर
को जब आ जाता था
कहते हैं अकबर महलो में
सोते-सोते जग जाता था !!

जनता ने कैसा माहोल कर दिया बेजान लोगों
को भी हिंदू और मुसलमान कर दिया !!

कीमत तो खूब बढ़ गई दिल्ली में धान की
पर विदा ना हो सकी बेटी किसान की !!

हमने दुनिया में मुहब्बत का
असर जिंदा किया हैं
हमनें नफ़रत को गले मिल-मिल
के शर्मिंदा किया हैं !!

अपनी तिजोरी तो हर कोई भरता है
ऐसे लोगो को नेता बनाओ जो जनता
में विकास करता है !!

राजनीति में लोगो को अब बड़ा सोचना चाहिए
जाति-पाति से ऊपर उठकर
ईमानदार नेता चुनाना चाहिए !!

Politics Shayari in Hindi (राजनीति शायरी हिंदी)

 Politics Shayari in Hindi (राजनीति शायरी हिंदी)

राजनीति का जनून भी बड़ा गजब होता है
वही लोग दुश्मन बनता है
जो सबसे ख़ास होते है !!

दुआ करों मैं कोई रास्ता
निकाल सकूँ
तुम्हे भी देख सकूँ खुद
को भी संभाल सकूँ !!

फ़दाली कर रहे हैं रोज निंदा बात कुछ होगी
अकेले उड़ रहा है जो परिंदा बात कुछ होगी
ठगी के दौर में बेईमानियों के बीच में रह के
किसी में अब भी है ईमान जिंदा बात कुछ होगी।

जरूरत पर सब यार होते हैं,
जरूरत न हो तो पलट कर वार होते हैं,
चुनाव नजदीक आ रहा हैं बच के रहना,
क्योंकि ज्यादातर नेता गद्दार होते हैं।

राजनीति भी रंग-रंगीली हैं,
कुछ ने तो बाप की ज़ागीर समझ ली हैं।


किसी पेड़ के कटने का किस्सा न होता,
अगर कुल्हाड़ी के पीछे लकड़ी का हिस्सा न होगा।

जिन्दा रहे चाहे जान जाएँ,
वोट उसी को दो जो काम आएँ।

सिर्फ हंगामा खड़ा करना मिरा मक्सद नहीं,
मेरी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए।

Politics Shayari in Hindi (राजनीति शायरी हिंदी)

 Politics Shayari in Hindi (राजनीति शायरी हिंदी)

सियासत नफ़रतों का जख्म भरने ही नहीं देती,
जहाँ भरने पे आता हैं तो मक्खी बैठ जाती हैं.

सच है विपत्ति जा आती हैं,
कायर को ही दहलाती हैं,
सूरमा नहीं विचलित होते,
क्षण एक नहीं धीरज खोते.

जब हौसला बना लिया ऊंची उड़ान का,
फिर देखना फिजूल है कद आसमान का।

उसे गुमाँ है कि मेरी उड़ान कुछ कम है,
मुझे यक़ीं है कि ये आसमान कुछ कम है।

चोर बेईमान और भ्रष्ट नेताओं की क्यों करते हो बात।
लोकतंत्र की ताकत है जनता में दिखला दो इनकी औकात।

बदल जाओ वक्त के साथ या फिर वक्त बदलना सीखो,
मजबूरियों को मत कोसो हर हाल में चलना सीखो।

बेईमानी अब आँखों की पानी चुराने लगी,
नामर्दी इंसानों को जवानी चुराने लगी,
हिन्द वालो तुम ये बैठ कर सोचना जरूर
कभी बर्मा से कन्धार तक हुकूमत थी
आज तिनके में क्यों लड़खड़ाने लगी.

मन से बड़ा कोई धाम न मिलेगा विभीषण
अगर बन भी गए तो अब राम ना मिलेगा.

चलेगा मज़दूर उड़ेगी धूल न बचेगा हाथ न रहेगा फूल।

Politics Shayari in Hindi (राजनीति शायरी हिंदी)

 Politics Shayari in Hindi (राजनीति शायरी हिंदी)

न मस्जिद को जानते हैं न शिवालो को जानते हैं,
जो भूखे पेट हैं वो सिर्फ निवालों को जानते हैं।

एक दो नही करो तुम बीसों अच्छे कार्य लेकिन यदि
चुनाव के दिन न किया मतदान तो सब है बेकार।

लोकतंत्र की मर्यादा का रखों मान,
चुनाव में वोट डालकर ही करो जलपान।

सरहदों पर बहुत तनाव है क्या,
कुछ पता तो करो चुनाव है क्या,
और खौफ बिखरा है दोनों समतो में,
तीसरी समत का दबाव है क्या

छप के बिकते थे जो अखबार…
सुना है इन दिनों वो बिक के छपा करते है.

गुरूर में इंसान को कभी इंसान नहीं दिखता,
जैसे छत पर चढ़ जाओ तो अपना ही मकान नहीं दिखता.

समर शेष है नहीं पाप का भागी केवल व्याध
जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनके भी अपराध.

नेता की बातों में सच्चाई का अभाव होता है,
झूठ बोलना तो इनका स्वभाव होता हैं।

Politics Shayari in Hindi (राजनीति शायरी हिंदी)

 Politics Shayari in Hindi (राजनीति शायरी हिंदी)

पसीने की स्याही से जो लिखते हैं इरादें को,
उसके मुक्कद्दर के सफ़ेद पन्ने कभी कोरे नही होते।

राजनीति का रंग भी बड़ा अजीब होता है ,
वही दुश्मन बनता है जो सबसे करीब होता है।

हर किसी से ये फरियाद करेंगे ,
बस केवल नौजवानो को ही याद करेंगे ,
खुद तो बुढे होकर राजनीति के मजे ले रहे है
तो युवाओ के लिए क्या खाक करेंगे ।

केजरीवाल की खांसी से जंग है
दिल्ली प्यारी खांसी के संग है।
क्योंकि दिल्ली में प्रदुषण रंग है
यही केजरी के जीतने का ढंग है।

राहुल जी की जुबान पर रहते हमेशा मोदी।
अतः मोदीवादी कहते जाओ बैठो मम्मी की गोदी।।

अपनी तिजोरी तो हर कोई भरता है ,
ऐसा नेता चुनो जो देश के लिए कुछ करता है ।

सब वही लिखते हैं बस मायने बदल देते हैं
सरकारें वैसे ही चलती हैं
बस वजीर-ए-आजम बदल जाता है

जीत गए हम जीत गए चुनावी कुश्ती जीत गए
बीत गए दिन बीत गए गद्दारों के दिन बीत गए

खुशियों को भाईयों पर वार देती है,
बहने तो ताउम्र बस स्नेह और प्यार देती है!
लड़ता है भाई बेशक़ वजह बेवजह बहन से,
पर बहन से नोक-झोंक ही उसे करार देती है!

Politics Shayari in Hindi (राजनीति शायरी हिंदी)

 Politics Shayari in Hindi (राजनीति शायरी हिंदी)

वोटों के इस खेल में फंस ना जाना मतदाता
उपयोग करना ढंग से अधिकार देना पटकनी
जिसे कुछ ना आता


अगर करते हैं तो सीखें कि किससे करें
किससे शिकायत करें कहाँ गए थे
कहाँ पहुँचे थे कहाँ मिले थे

जब कुल के लोग रंग की खोज में निकले
तितलियाँ मीलों तक राह दिखा चुकी थीं

सब कुछ चुपचाप क्यों सुना जाए
कभी-कभी आपको प्रोत्साहन के साथ
नहीं कहना चाहिए

टूटी कलम और गोरो से जलन
हमें अपना भाग्य खुद लिखने नहीं देते

.

दुनिया हलवाई की तरह व्यवहार करती है
तुम भी मलाई की तरह नीचे उतर जाओगे

सरकार गरीबों की देखभाल कब करती है
चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आता जा रहा है
वैसे-वैसे यह मामला तूल पकड़ता जा रहा ह

Politics Shayari in Hindi (राजनीति शायरी हिंदी)

 Politics Shayari in Hindi (राजनीति शायरी हिंदी)

एक आंसू भी सरकार के लिए खतरा है
तुमने आँखों का समंदर नहीं देखा

नेताओं ने ये कैसा हिन्दुस्तान कर दिया
बेजान इमारतों को भी हिन्दू मुसलमान कर दिया

यह भी गंदी राजनीति का नतीजा है
एक बोतल पानी की कीमत बीस रुपये है

राजनीति के रंग में इतना मत डूबो
कि वीरों की शहादत भी न दिखे
अपनी प्रतिज्ञा की ज़ुबान को थोड़ा याद रखें
क्या आपको अपनी जुबान की बात याद है

अब युवाओं को भी राजनीति में आना चाहिए
देश को ईमानदारी का आईना दिखाना चाहिए
युवा नेता कविता

हम अपने नेतृत्व में इतने खो कैसे गए हमें जगाने से
लेकर ये कैसे हमारी नींद में खलल डालते हैं

इस नदी के किनारे ठंडी हवा आती है
लहरों से टकराने पर ही नाव जर्जर होती है

मातृभूमि की जय कहने से कतराते हैं
धर्म को देश से ऊपर कहना
नमक के देश का हिसाब दुश्मन गाता है
ऐसे देशद्रोहियों पर कुत्ते भी शरमा जाते हैं

Politics Shayari in Hindi (राजनीति शायरी हिंदी)

 Politics Shayari in Hindi (राजनीति शायरी हिंदी)

असहायों का सहारा बनो बन के किनारों के लिए
जो अपने लिए जीता है वह किस लिए जिएगा
हो सके तो हज़ारों जिये

बिहार से बड़ा प्यार है ऐसा हर नेता जताते है
नौकरी और रोजगार की बात करो तो चुप हो जताते है

हर बार झूठ बोलने वालों की ना सुने
इस बार सरपंच के लिए युवा को चुने

काजल के पहाड़ पर चढ़ना और चढ़ना और पार करना
बेदाग हुए बिना यह सब करना बहुत मुश्किल है

किसी भी तरह के लालच में ना आयें नहीं तो पाँच
वर्ष तक महंगा पड़ेगाहर भावअपने बच्चों और
गाँव के सुनहरे भविष्य के लिए सोच समझ
कर सही प्रत्याशी का करें चुनाव

नहीं भावना अपने-पराये की
पूरा गाँव हमारे लिए एक परिवार है
आपसे सहयोग का पूर्ण विश्वास है
हमें गाँव के विकास के लिए हम सदा तैयार हैं

.

गाँव के सर्वांगीण विकास की प्रतिज्ञा
हम करते हैं झूठ-फरेब नहीं हमारे मन मे
तभी तो आप-सब भरोसा हम पर करते हैं

चुनाव जीतने को जी गिद्ध नेता चले नई चाल पहन
गधे सी सफ़ेद खाल फैलाये फंसाने का जाल

Politics Shayari in Hindi (राजनीति शायरी हिंदी)

 Politics Shayari in Hindi (राजनीति शायरी हिंदी)

बिहार से बड़ा प्यार है ऐसा हर नेता जताते है
नौकरी और रोजगार की बात करो तो चुप हो जाते है

नेता नहीं बेटा बन कर आया हूँ
चुनाव प्रचार तो बस एक बहाना है
आप सब का लेने आशीर्वाद आया

हर बार झूठ बोलने वालों की ना सुने
इस बार सरपंच के लिए युवा को चुने

राजनीति भी रंग-रंगीली हैं
कुछ ने तो बाप की ज़ागीर समझ ली हैं

हर आदमी में होते है दस बीस आदमी
जिस को भी देखना हो कई बार देखना

राजनीति की मार ने नेताओं को क्या-क्या सिखा दिया
बड़े बड़े वीर नेता को जनता के क़दमों पर झुका दिया

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अगर आप दोस्त हैं तो आपके हाथ में ये खंजर क्यों हैं
दुश्मन हैं तो मेरा सिर क्यों नहीं हटता

ईमान में जिसके इमानदारी है
काम में जिसके ज़िम्मेदारी है
ऐसी साफ सुथरी छवि वालों को
चुनाव जिताने में समझदारी है

आज शहर में फिर से सभी अनेक रेलिया निकल रही हैं
इन्हें क्यों समझ नहीं आता नेताजी की बड़ी रेलिया
इलेक्सन में ही चलती हैं

राजनीति का रंग भी बड़ा अजीब होता हैं
वही दुश्मन बनता है जो सबसे करीब होता हैं

जो धरापुत्र का वध कर दे वह राजपुरूष नाकारा हैं
जिस धरती पर किसान का रक्त गिरे उसका शासक हत्यारा हैं

इस चुनावी हार के बाद दिलों को जीतने हम जनता
के और पास होंगे वो और होंगे जो चुनाव हारने के बाद
हताश और निराश होते होंगे

इस जीत पर हम कुछ नया करेंगे
मानव हैं तो मानवता को बयाँ करेंगे
कोई दुखी न रहे न ही खाने को तरसे
हम दानी बनकर सबपर दया करेंगे

जीत का सेहरा बाँधे आएगी नेता जी
की सवारी डीजे पार्टी फूल वर्षा
और स्वागत की करो तैयारी

बेईमान नेता बेईमान उसके बँदे
इस बार बंद होंगे इनके सारे काले धँधे

Politics Shayari in Hindi (राजनीति शायरी हिंदी)

 Politics Shayari in Hindi (राजनीति शायरी हिंदी)

उठाएँगे आवाज़ गाँव के विकास की
हर ग़रीब के लिए आवास की
करते हैं आप सब से वादा टूटने नहीं देंगे
डोर आप सबके विश्वास की

झूठे पोस्टर पढ़ पढ़ कर जनता हारी
गाँव के विकास की झूठी बातें सारी
पंचायत चुनाव की जनता ने कर ली है तैयारी
झूठे लोगों को इस बार सबक सिखाने की बारी

गंदगी से नालियाँ भरी पड़ी है
जिसकी दुर्गंध के आसपास की गलियां सड़ी है
जनप्रतिनिधियों को कोई चिंता नहीं थी
चुनाव आए तो सफाई की नौबत आन पड़ी है

ना सड़कें बनी ना अस्पताल में व्यवस्था
स्कूल की दीवारें टूट रही पंचायत घर की हालत खस्ता
इस बार जनता सबक सिखाएगी
भ्रष्टाचारियों बांध लो अपना बोरी और बस्ता

कहीं नल में जल नहीं कहीं गांव का रस्ता कच्चा
स्कूलों की हालत जर्जर है बताओ पढ़ने कहाँ जाए बच्चा
वोट की ताक़त से हालात इस बार बदलेंगे
प्रतिनिधी चुनेंगे इस बार ईमानदार और नियत का सच्चा

विकास का परचम बना दो जनता का जनमंच बना दो
तरक्की होगी पंचायत की संतोष भैया को सरपंच बना दो

ग्राम प्रधान के चुनाव में विकास का मुद्दा होता नही है
इस पद का उम्मीदवार जीत के लिए रात-रात भर सोता नही है

ग्राम प्रधान चुनाव में बेईमानो का खूब खायें
मगर चुनाव किसी शिक्षित और ईमानदार को जितायें

Politics Shayari in Hindi (राजनीति शायरी हिंदी)

 Politics Shayari in Hindi (राजनीति शायरी हिंदी)

बिहार से बड़ा प्यार है ऐसा हर नेता जताते है
नौकरी और रोजगार की बात करो तो चुप हो जाते है

जरूरत पर सब यार होते हैं
जरूरत न हो तो पलट कर वार होते हैं
चुनाव नजदीक आ रहा हैं बच के रहना
क्योंकि ज्यादातर नेता गद्दार होते हैं

फिर्फ़ हंगामा खड़ा करना मिरा मक्सद नहीं
मेरी कोशिश है कि, ये सूरत बदलनी चाहिए


करना है गांव की खुशहाली का बचाव
तो इस बार करो ईमानदार सरपंच का चुनाव

यह वोट बड़ा अनमोल है नेता अच्छे से जानते
सो चुनाव के समय हर मतदाता को भगवान मानते

यह चुनाव सिर्फ चुनाव नहीं होगा
गाँव के विकास के लिए ही बटन दबायेंगे
सुधार लेंगे पिछली बार के भूल को
अबकी बार संजीत भैया को ही जितायेंगे

लहरों को खामोश देखकर ये न समझना कि
समंदर में समंदर नहीं है
हम जब भी उठेंगे तो उठेंगे तूफान की तरह
अभी हमने उठने का निश्चय नहीं किया है

ना भ्रष्ट हूँ ना नियत अपनी भ्रष्टाचारी है
लोगों की दौलत पैसा अपनी दौलत ईमानदारी है
सब उम्मीदवारों का मकसद चुनाव जीतना है
अपनी तो दिलों को जीतने की तैयारी है


ईमानदारी से हर वर्ग का विकास होगा
जब नेतृत्व ईमानदार नेता के हाथ होगा

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