400 + कदर शायरी हिंदी Kadar Shayari in Hindi

Kadar Shayari in Hindi [कदर शायरी हिंदी]

कदर शायरी इन हिंदी Kadar Shayari in Hindi [2023]

Kadar Shayari in Hindi [कदर शायरी हिंदी]

कदर करो उनकी जो तुम्हे दिल से चाहते है,
वरना चेहरे पे तो हर कोई मरता है।

चाँद की क़दर भी
पत्थर जितनी हो जाएगी
बस तू हासिल करके देख ले।

जिस दिन मेरे मौत आएगी,
उस दिन तुझे ज़रूर
मेरी कदर समझ आएगी।

सीख जाओ किसी के
प्यार की कदर करना,
कही कोई बिखर न जाए
तुम्हें एहसास दिलाते दिलाते।

रिस्ते तोड़ने तो नहीं चाहिए
लेकिन जहां आपकी कदर न हो,
वहाँ निभाना भी नहीं चाहिए।

जो तुम्हारे पास है कदर कर लो
एक ऐसी भी दुनिया है,
जहां जाने के बाद
कोई वापस नहीं आता है।

दर पर तेरे आया हूं
प्यार की मन्नत मांगने..

जान चुका हूं ओ बेवफा तुम्हें
मेरे प्यार की कदर ही नहीं रही..

Kadar Shayari in Hindi [कदर शायरी हिंदी]

कदर शायरी इन हिंदी Kadar Shayari in Hindi [2023]

जिस कदर उसकी कदर की,
उस कदर बेकदर हुए हम।

कदर वही करता है
जिसको जरुरत होती है,
बिना जरुरत के तो
कोई याद भी नही करता।

परख से परे है
शख्सियत मेरी,
मैं उन्हीं के लिए हूँ,
जो समझे कदर मेरी।

टूटा हु इस कदर
अब कुछ भी न हो रहा असर,
तुझे कुछ भी न हैं खबर
तेरे लिए हम हैं एक हमसफ़र।

अगर मेरे जज्बातों की
तुझे कोई कदर नहीं,
तो तेरे भी हालातों की
मुझे कोई फिकर नहीं।

प्यार उसी से करो जो,
प्यार की कदर जानता हो,
उससे नही जो हर किसी से,
दिल लगाना जानता हो।

कहा से होगी कदर हमारी,
इतनी आसानी से जो मिले है।

Kadar Shayari in Hindi [कदर शायरी हिंदी]

कदर शायरी इन हिंदी Kadar Shayari in Hindi [2023]

कदर होती उन्हे तो लौट आते,
मुझे यू तन्हा छोड़ कर ना जाते।

वक्त बीत जाने के बाद,
कदर की जाए,
तो वो कदर नहीं
अफ़सोस कहलाता है।

ये आंसू उसी के लिए बहाना,
जिसे तुम्हारे आंसुओ की कदर हो।

इस कदर टूटा हूं
आया हूं राहत पाने..

मेरे दिल की आज तक
उसने कभी खबर ना ली..

अजीब लोग हैं पहले कद्र नहीं करते और बाद में काम आने पर फट से याद करने में शर्म नहीं करते।

एक ख्वाहिश पूरी ना होने पर लोग खुदा की कद्र करना भूल जाते हैं हम तो फिर भी इंसान है।

ज़माना चाहे बेकद्री करे तुम्हारी पर तुम अपनी नज़रों में अपनी कद्र करना कभी मत छोड़ना।

Kadar Shayari in Hindi [कदर शायरी इन हिंदी]

कदर शायरी इन हिंदी Kadar Shayari in Hindi [2023]

बिना कदर के चाहत का
अब ये रिश्ता टूट गया..

वो जहान भी कितना खूबसूरत होगा, जहाँ कदर करने से पहले इंसान किसी भी व्यक्ति के कपड़े और उसकी हैसियत नहीं देखेगा।

इश्क को खेल समझ कर
उसने कभी कदर ना की मेरी..

बेमतलब चाहत करने वालों की
दिल से कदर करनी चाहिए..

जिसने की दुनिया से बेवफाई
वक्त भी साथ छोड़ गया..

कितनी भी उछल कूद कर लो,
अपनी औकात बता देता है..

के प्यार पर अपने
अब हमें होता हैं गुरूर..

ज़िंदगी इस क़दर
हमारा इम्तिहान ले रही हैं..

Kadar Shayari in Hindi [कदर शायरी हिंदी]

कदर शायरी इन हिंदी Kadar Shayari in Hindi [2023]

इस कदर दिल ने तुम्हें चाहा हैं
धड़कनों ने भी तेरा गीत गाया है..

मोहब्बत के बदले ना कभी
धोखेबाजी करनी चाहिए..

तेरे प्यार की क़दर है मुझे
पहचान है तेरे एहसासों की..

कदर कीजिये जो वक्त पर हासिल है,
क्योंकि देर नहीं लगती देर होने में।

खुद्दार हो गया हूँ मैं भी कुछ इस क़दर,
कि अब मुझे भी नहीं रही तेरी कोई क़दर।

जो कभी मेरे अल्फाजो की
कदर ना कर सके,
आज मेरी ख़ामोशी के
चलते बेजान पड़े हैं।

मेरी कदर तुझे उस दिन
नजर आएगी जिस दिन तू
मुझे अपने से दूर पाएगी।

उसे इतना वक़्त दे दिया
की वो हमारे वक़्त की
कदर करना ही भूल गया।

Kadar Shayari in Hindi [कदर शायरी हिंदी]

कदर शायरी इन हिंदी Kadar Shayari in Hindi [2023]

मोहब्बत कुछ सिख़ाए ना सिखाये,
पर किसी की कदर करना
जरूर सीख देती है।

वो मेरी नहीं थी इस बात की
मुझको खबर तक ना थी,
मैं पूरा उसका था इस बात की
उसको कदर तक ना थी।

.

कद्र करो हर कदम पर उनकी, जिन्होंने ज़िन्दगी के हर सफर में तुम्हारे क़दम से क़दम मिलाया हो।

क्यों करूं मैं उसका भरोसा
दुनिया जिसने उजाड़ दी मेरी..

दूर रहकर भी आपका ख्याल रखते हैं हम,
इस कदर आपकी कदर करते हैं हम।

वक़्त रहते कद्र कर लो अपने चाहने वालों की वरना जब वक़्त बताएगा उनकी कद्र के बारे में तब वो तुम्हे चाहना छोड़ देंगे।

प्यार करने वालों से
ना दूरी रखनी चाहिए..

मेहनत करने वालों की
दुनिया भी कदर करती है..

Kadar Shayari in Hindi [कदर शायरी हिंदी]

कदर शायरी इन हिंदी Kadar Shayari in Hindi [2023]

किसी के भी किरदार की
हमेशा कदर किया करो..

सबकी कदर करना
वक्त सीखा ही देता है..

सीख गया हूं भूल जाना,
जिसे मेरी खबर नहीं होती..

इस क़दर हुए हम अकेले
के फिजाओं ने साथ छोड़ दिया..

मोहब्बत में न जाने क्यों
मेरी कभी कदर ही ना की..

तेरी याद इस कदर
तड़पा रही है मुझे..

हम उन चीज़ों की कदर करते हैं,
जिन्हे हम खोने से डरते हैं।

सच्ची मोहब्बत की न कभी
कदर थी न आज होगी,
ताजमहल भी तो बनवाया गया था
मुमताज के मरने के बाद।

Kadar Shayari in Hindi [कदर शायरी हिंदी]

कदर शायरी इन हिंदी Kadar Shayari in Hindi [2023]

इज्जत और कदर इंसान को
हमेशा पूरी देनी चाहिए..

भूला नहीं पाएंगे तुझे
कसम है हमें तेरे प्यार की..

के दिल की धड़कनें
बया कर रही है तुझे..

सूनी आँखों का सपना था कोई,
क्या बताऊँ के किस कदर
अपना था कोई।

कदर कर लो उनकी जो बिना मतलब के तुम्हें चाहते है,
दुनिया में प्यार करने वाले कम और दिल दुखाने वाले ज्यादा होते हैं।

मोहब्बत तो उसे ना थी,
जो साथ उसका छूट गया..

हमारा ख्याल रखने वालों की
हमें भी खबर रखनी चाहिए..

उसकी किसी ने ना की कदर
जिंदगी में जो अकेला रह गया..

Kadar Shayari in Hindi [कदर शायरी हिंदी]

कदर शायरी इन हिंदी Kadar Shayari in Hindi [2023]

छोड़कर चले जाने वालों को
किसी की कदर नहीं होती..

शबाब इस कदर तुम्हारा
हमारे दिल पे हावी हैं..

के हर आईने में बस
तेरा ही चेहरा हैं..

अब चुन लेंगे हम वो एक राह
जिसने तुम्हारे कदमों को चूमा हैं..

आज तुम्हारी यादों ने
बरसात को पीछे छोड़ दिया..

बिना कुछ कहे उनके ही
इशारों पर वो चलती है..

इंसानियत से उनकी
कदर करनी चाहिए..

मोहब्बत के लिए थी बेचैनी
मगर थोड़ी भी सबर ना रखी..

Kadar Shayari in Hindi [कदर शायरी हिंदी]

कदर शायरी इन हिंदी Kadar Shayari in Hindi [2023]

अपने दिल में प्यार की
तूने जरा सी कदर ना रखी..

वक्त ही वक्त आने पर सभी को
उसकी सच्ची कदर सिखा देता है..

मोहब्बत करने वाले से
ना दिल्लगी किया करो..

दिल पर इस क़दर
छाया हैं तेरा सुरूर..

लोग हमारी कदर तब नही करते
जब हम अकेले हो,
तब करते है जब वो अकेले हो।

जो इंसान वक़्त की कदर नहीं करता,
वक़्त उसकी कदर नहीं करता।

के सागर में अपनी
कश्ती हम खो बैठे हैं..

हर पुरानी बात के
निशान मिटा ही देता है..

Kadar Shayari in Hindi [कदर शायरी हिंदी]

कदर शायरी इन हिंदी Kadar Shayari in Hindi [2023]

फ़िक्र वो किया करते है,
जो हकीकत में कदर किया करते है।

हर राह पर बस
मुश्किलें ही दिख रही हैं..

इस कदर तुमसे हम
इश्क़ कर बैठे हैं..

कुछ इस कदर_तेज हो गई है रफ्तार जिंदगी की
कि अब किसी को किसी की फ़िक्र हीं नही
किसी को किसी की कदर हीं नहीं ।

जब कोईखास, किसी की जिंदगी से ”दूर” चला जाता है तो वो शख्स, दूसरों की कदरकरना सीख जाता है ।

ज़माना चाहे_बेकद्री करे तुम्हारी पर तुम अपनी नज़रों में अपनी कद्र करना कभी मत छोड़ना।

कदर किरदार की होती है,
वरना कद में तो साया भी इंसान से बड़ा होता है।

अंधेरे में पड़ती है कद्र ‘जुगनुओं’ की
उजाले में जुगनुओं की औकात ही क्या है

Kadar Shayari in Hindi [कदर शायरी हिंदी]

कदर शायरी इन हिंदी Kadar Shayari in Hindi [2023]

क़द्र कम हो जाती है जब काम पूरा हो जाता है दस्तूर यही है ज़माने का।

‘प्यार” उसी से करो जो,
प्यार की कदर जानता हो,
उससे नही_जो हर किसी से,
दिल लगाना जानता हो।

कैसे भूलजाऊँ मैं उसको, जो चाहता है इस ‘कदर’ हथेली की मेहंदी में लिखा है उसने मेरानाम छिपाकर.

जिस ”दिन’ मेरे मौत आएगी,
उस दिन तुझे ज़रूर
मेरी कदर_समझ आएगी।

जिसके पास तुम्हारे लिए-वक्त नहीं, तुम भी उसके लिए अपना वक्त जाया ना करो तो बेहतर होगा।

परख से परे है
शख्सियत मेरी,
मैं उन्हीं के_लिए हूँ,
जो समझे कदर मेरी।

एक ”छोटी” सी गलती पर तू मुझे छोड़ गया ,
जैसे तू सदियों से मेरी गलती की तलाश में था.

कद्र किसी चीज़ की पाने तक की होती है, पाने के बाद हीरे की क़ीमत भी आने तक को होती है।

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कदर शायरी इन हिंदी Kadar Shayari in Hindi [2023]

इस कदर_उसका चेहरा बस गया है मेरी आँखों में
कि अब हर ‘सूरत’ में बस वो हीं नजर आता है.

क़द्र करो उस इंसान की जो सबसे पास है तुम्हारे, जो नज़दीक भी नहीं आना चाहते उनका तो ख्याल करना भी छोड़ दो।

वक़्त और कद्र बहुत कीमती है आज कल के ज़माने में ये बस उसके लिए निकले जाते हैं जिनसे कम निकलता हो।

कुछ चीज़ों की अहमियत खोने के बाद पता चलती है, पर तब कुछ करने के नाम पर बस पछतावा रह जाता है।

अपने आपको जो बहुत क़ीमती समझ लेते हैं, उन्हें इस गलती की बहुत भारी क़ीमत चुकानी पड़ती है।

बोहत तकलीफ होती है, 
जब ‘मतलब’ ना होने पर 
कदर कम हो जाती है|

जो अपनी परिश्रम से गदर करते है,
दुनिया वाले उन्हीं की कदर करते है.

कदर किरदार की होती है,
वरना कद में तो साया भी इंसान से बड़ा होता है।

Kadar Shayari in Hindi [कदर शायरी हिंदी]

कदर शायरी इन हिंदी Kadar Shayari in Hindi [2023]

उस वक़्त समझोगे शायद तुम मेरी क़द्र ,
जब मैं नहीं रहूँगी, रह जाएगी मेरी_क़ब्र ।।

उस इंसान की कद्र कम की जाती है ज़माने में, जो किसी इंसान की कद्र नहीं करता।

कद्र की आवाज़ ऐसी होती है जो बिना कहे सामने वाले को बता देती है की आप उनसे कितना प्यार करते हो।

अहमियात इंसान की बस तब तक है बाज़ार में, जब तक कुछ खरीदने के लिए उसकी जेब में पैसा है।

कद्र तो बस नई चीज़ की होती है, पुरानी चीज़ हो चाहे रिश्ता इंसान उसे बदलने की या फिर फेंकने की सोचता है।

भगवान् से बस यही दुआ है की चाहे जैसे मर्ज़ी हालत हों हाथ फ़ैलाने की कभी नौबत ना आए।

वह रिश्ता टूट जाता है जहाँ दोनों लोग एक दूसरे की कद्र करने की बजाय अपनी अपनी कद्र पर ध्यान देने लगते हैं।

सयाना है ज़माना आज कल नमक स्वाद अनुसार और कद्र ज़रुरत अनुसार ही होती है।

Kadar Shayari in Hindi [कदर शायरी हिंदी]

कदर शायरी इन हिंदी Kadar Shayari in Hindi [2023]

किस कदर नादिम हुआ हूँ मैं बुरा_कहकर उसे,
क्या खबर थी जाते-जाते वो दुआ दे जायेगा।

माना तेरी नजरों में मेरे प्यार की कदर_कुछ भी नही,
तेरे खातिर मैंने हुश्न की मलिका को पलट कर देखा नही.

अक्सर उन्हें आपकी कदर नहीं होती, जिन्हे आपके प्यार की जरा भी कद्र नहीं होती।

उस बड़े घर के लड़कों को किताब की कद्र ही नहीं, और एक वो गरीब का बच्चा है जो कूड़े से अखबार उठा कर पढ़ रहा है।

ड़ों की अहमियत अब कहाँ उतनी अहम है, बड़ा होकर बच्चा उसकी इज़्ज़त करेगा हर बाप को ये वहम है।

प्यार का असर उस रिश्ते में ख़त्म हो जाता है, जहाँ एक दूसरे की कद्र करना कम हो जाता है।

हमसे एक भूल क्या हुई छोटी सी, उसने बड़ी बेसब्री से क़द्र को कब्र में डाल दिया।

Kadar Shayari in Hindi [कदर शायरी हिंदी]

कदर शायरी इन हिंदी Kadar Shayari in Hindi [2023]

कहा से होगी ”कदर” हमारी, इतनी आसानी से जो मिले है।

कदर_वही करता है
जिसको जरुरत होती है,
बिना जरुरत के तो
कोई याद भी नही करता।

यहाँ गरीब ज़मीन पर पड़ी रोटी भी हंसी ख़ुशी खा लेता है, वहां अमीर हाथ से मिली रोटी की भी क़द्र नहीं करता।

जहाँ रहने के लिए घर मिल जाए पर घर के लोगों से कदर ना मिले, ऐसे घर पर रहने से अच्छा सड़क पर रहना है।

शुरुवात में ही मत गिनना बस थोड़ा सा सब्र करना जल्द ही पता लग जाएगा की तुम्हारी कद्र करने वाले कितने हैं।

एक बार मदद करना बंद कर दो तो पता लगता है की कदर करने वाले कितने हैं।

मिलती हैं नजरें तुझसे तो इस_कदर खो जाते हैं,
जैसे बच्चे भरे बाज़ार में खो जाते हैं।

फूल में खुशबू सी, फ़क़त ”ऐसे” ही तू मुझमें रहे,
मेरी कदर रहे तब_तक, जब तक तू मुझमे रहे,

Kadar Shayari in Hindi [कदर शायरी हिंदी]

कदर शायरी इन हिंदी Kadar Shayari in Hindi [2023]

दूर कितने हुए सबको सब खबर होती है, नज़दीक रहने वालों की कद्र तक नहीं है।

सराहना करने वाले के लिए ‘महत्वहीन’
लोग केवल_मिलते क्यों हैं ।

मैं कितनी दूर जा सकता हूं?
वह मुझ पर “शोध” कर रहे हैं

इश्क़ में किसी की याद इस_कदर ना सतायें,
आशिक बेइंतहा प्यार करके बर्बाद हो जायें.

एक “मज़बूत” रिश्ते के टूटने पर ”हैरान” हो इस कदर,
तुमने लोहे को कभी_जंग लगते नहीं देखा…?

वह रिश्ता टूट जाता है जहाँ_दोनों लोग एक दूसरे की कद्र करने की बजाय अपनी अपनी कद्र पर ”ध्यान” देने लगते हैं।

वो ”मेरी” न थी, इस बात की मुझे खबर न थी,
मैं पूरा उसका था, इस_बात की उसे कदर न थी.

जो ”सफल” और काबिल है उसी की कदर है,
इंसान का चेहरा_याद नही आता, इतना बड़ा शहर है.

Kadar Shayari in Hindi [कदर शायरी हिंदी]

कदर शायरी इन हिंदी Kadar Shayari in Hindi [2023]

किसी के एहसान की नहीं हर इंसान की कद्र करो।

हाथों की लकीरों के…फरेब में मत आना…,
ज्योतिषों की ‘दूकान’ पर मुक्कदर नहीं बिकते…!

मुश्किल नहीं इस कदर यूँ तो, ये बयाँ ‘जज़्बात’ का
ये लफ्ज़ आ बीच में क्यों, दुश्वारियाँ रख देते हैं.

मायूस हो गया हूँ जिंदगी के सफर से इस_कदर
कि ना ‘खुद’ से मिल पा रहा हूँ ना मंजिल से।

आज फिर कुछ पुराने यार याद कर रहे हैं मुझे, समझ नहीं आ रहा अब उन्हें मेरी कद्र है या मेरी ज़रुरत है।

घमंड जब सर चढ़ जाता हैं, तो इंसान किसी की कद्र करना भूल जाता है।

क्या कहे_कुछ कहा नही जाता,
दर्द मीठा है पर ‘रहा’ नही जाता,
दोस्ती हो गई इस कदर आपसे,
बिना याद किये बिना रहा नहीं जाता।

गरीब हो या ”अमीर” सबकी कदर करते है,
इंसानियत को हम अपनी ”नजर” में रखते है.

Kadar Shayari in Hindi [कदर शायरी हिंदी]

कदर शायरी इन हिंदी Kadar Shayari in Hindi [2023]

जो अपने माँ-बाप की कदर करते है,
दुनिया उनकी-कदर करती है.

अपनो से रिश्ता कभी नही तोड़ना चाहिए,
पर कदर ना हो तो “निभाना” भी नही चाहिए.

”सोचते” हैं, सीख लें हम भी
बेरुखी करना_सब से,
सबको मोहब्बत देते-देते
हमने अपनी ‘कदर’ खो दी है ।

अगर ‘आप’ चाहते है कि आप के बच्चे कदर करे,
तो अपने बच्चों के “जीवन” में संस्कार को भरे.

प्यार_उसी से करो जो,
प्यार की कदर जानता हो,
उससे नही जो हर किसी से,
‘दिल’ लगाना जानता हो।

कुछ खत आज भी डाकघर से लौट आये, ‘डाकिया’ बोला जज्बातों का कोई पता नहीं होता।

कदर ”करलो” उनकी जो तुमसे बिना मतलब की चाहत करते है
दुनिया में ख्याल_रखने वाले कम और ‘तकलीफ’ देने वाले ज्यादा होते है

कुछ इस कदर_तेज हो गई है रफ्तार जिंदगी की
कि अब किसी को किसी की ”फ़िक्र” हीं नहीं
किसी को किसी की कदर हीं नहीं.

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