250+ गुलज़ार साहब की शायरियां Gulzar Shayari in Hindi
वो मोहब्बत भी तुम्हारी थी नफरत भी तुम्हारी थी,हम अपनी वफ़ा का इंसाफ किससे माँगते..वो शहर भी तुम्हारा था वो
वो मोहब्बत भी तुम्हारी थी नफरत भी तुम्हारी थी,हम अपनी वफ़ा का इंसाफ किससे माँगते..वो शहर भी तुम्हारा था वो