250+ गुलज़ार साहब की शायरियां Gulzar Shayari in Hindi
वो मोहब्बत भी तुम्हारी थी नफरत भी तुम्हारी थी,हम अपनी वफ़ा का इंसाफ किससे माँगते..वो शहर भी तुम्हारा था वो
वो मोहब्बत भी तुम्हारी थी नफरत भी तुम्हारी थी,हम अपनी वफ़ा का इंसाफ किससे माँगते..वो शहर भी तुम्हारा था वो
कभी कभी एक दिन का इंतजार सालों जैसा लगता है !! Intezar Shayari in Hindi [इंतेज़ार शायरी हिंदी में] आने
अपने मौज तो माँ बाप के पैसों से पूरे होते है..अपनी मजदूरी से तो मुसिकल सेजरूरते पूरी हो पाती हैं.
na peshee hogee, na gavaah hoga !!ab jo bhee hamase ulajhega !!bas seedha tabaah hoga !! Royal Attitude Shayari in
फ़क़त दो-चार ईदें और बढ़ा दे साल में या रबगले बाबा के लगने को बहाने चाहता हूँ मैं Eid Shayari