बुरे वक्त में मेरी जुबां पर दोस्तों का ही नाम आया।
पर मेरे बुरे वक्त में मेरा कोई दोस्त न काम आया।।
Matlabi Dost Shayari in Hindi [मतलबी दोस्त के लिए शायरी]
मतलबी दोस्तों की यहीं कहानी है,
चापलूसी करना उनकी निशानी है।
बुरा भले लगे पर मैं सच कहता हूँ,
अब मतलबी दोस्तों से दूर रहता हूँ।
जिस पर भरोसा होता है जब वहीं धोखा देता है,
तो पूरी दुनिया मतलबी लगने लगती है।
सच्चे दोस्तों की एक निशानी होती है,
वो मिलने के लिए वक़्त और मतलब नहीं ढूंढते।
कुछ की फितरत और कुछ की मजबूरी होती है,
कुछ भी हो मतलबी होना ही गलत होता है।
यह दोस्ती का सवाल है साहब
यहां 2 में से 1 गया तो कुछ नहीं बचता।
सुनो कितना अच्छा होता जो तुम मतलबी होते
और तुम्हें सिर्फ मुझसे ही मतलब होता।।
बहुत मतलबी निकला ए-दिल तू मेरा होकर भी
धड़कता तो तू मेरे सीने में है पर किसी और का होकर।
मेरी दोस्ती का उन्होंने मुझे अच्छा सिला दिया,
मेरे बुरे वक्त में हर किसी ने मुझे भुला दिया।
लड़ना चाहता हूं अपनों से
पर सोचता हूं जीत गया तो हार जाऊंगा।
जहाँ कोई खास होता हैं वही विश्वास होता हैं,
और जहाँ विश्वास होता हैं वहीं विश्वासघात होता हैं।
ढूंढना ही है तो परवाह करने वालों को ढूँढिये साहेब
इस्तेमाल करने वाले तो खुद ही आपको ढॅूढ़ लेंगे।।
ये मत समझ कि तेरे काबिल नहीं हैं हम,
तड़प रहे हैं वो अब भी जिसे हासिल नहीं हैं हम।
मुझे ये जानकार बहुत ख़ुशी हुई कि
तुम बहुत मजे कर रहे हो, वो भी मेरे बिना।
जरूर एक दिन वो शख्स तड़पेगा हमारे लिए
अभी तो खुशियाँ बहोत मिल रही है उसे मतलबी लोगो से।
वह सारी दुनिया की खबर रखते हैं
बस एक मुझसे ही बेखबर रहते हैं।
अच्छे दोस्त आँखों में खटकने लगते है,
जब मतलबी लोग दोस्त बनने लगते है।
दोस्ती के अब मतलब बदलने लगे है,
जब से मतलब की दोस्ती होने लगी है।
कैसे भरोसा करू गैरों के प्यार पर,
यहाँ अपने ही मजा लेते हैं अपनों की हार पर।
सबसे बुरा तब लगता है जब मतलबी लोग
आपके दिल में उतर जाते हैं।
मैं धोखेबाज नहीं जो साथ रहने वालो को दे दूं
बस बात ये है कि मुझे समझना हर किसी की बात नही।
शायरी करने के लिये कुछ खास नहीं चाहिये,
बस एक यार चाहिये वो भी मतलबी चाहिये।
मेरे कम दोस्त होने की वजह ये भी है कि
मुझे मतलबी दोस्तों से नाता तोड़ने में वक़्त नहीं लगता।
शायद मैं गुलों पे, ऐतबार भी कर लूं
मगर भंवरे यहां, धोखेबाज़ बहुत हैं।
लोग ख़ुद पर विश्वास खोने लगे है,
अब तो दोस्त भी मतलबी होने लगे है।
किसी ने जब पूछा मुझसे कि दोस्ती कब तक चलती है,
तो मैंने भी कह दिया कि बस मतलब तक चलती है।
जो सच और कड़वा बोलता है,
वो मतलबी और धोखेबाज नहीं होता है।
कुछ मतलबी लोग ना आते,
तो जिंदगी इतनी बुरी भी ना थी।
जब मतलबी दोस्त दिल में उतर जाते है,
तो कई सपने टूट कर बिखर जाते है।
पहले जो दोस्त जब मौका मिले तब मिलते थे,
अब जब तक कोई काम न हो तब तक नहीं मिलते।
अब लोग वक्त के साथ बदल जाते हैं,
सच्चे दोस्त भी अब मतलबी हो जाते हैं।
स्वार्थी दुनिया में मतलब के यार बहुत मिल जाएंगे,
पर सच्चा दोस्त बड़ी मुश्किल से मिलता है।
ऐसे दोस्तों से दोस्ती रखिये जो आपकी परवाह करते हैं,
मतलबी और इस्तेमाल करने वाले तो आपको ढूँढ ही लेंगे।
मैं सूरज के साथ रहकर भी भूला नहीं अदब
लोग जुगनू का साथ पाकर मगरूर हो गये।
मतलबी दुनिया के लोग खड़े है हाथों में पत्थर लेकर,
मैं कहाँ तक भागूँ शीशे का मुकद्दर लेकर।
बुरा वक़्त आया तो कमियां गिना रहे हैं,
मेरे दोस्त अब मुझे दोस्ती का मतलब समझा रहे हैं।
वह आखरी वक्त तक कहता रहा तू मेरा भाई है,
वो साफ़ लफ्जो में खुद को धोखेबाज भी ना कह सका।
मसला यह भी है इस ज़ालिम दुनिया का
कोई अगर अच्छा भी है तो वो अच्छा क्यों है।
दोस्त बस बैठक में बैठते हैं साथ के लिए,
पर मुसीबत में साथ कोई खड़ा नहीं होता।
तू ले चल ऐ हवा, मुझे दूर यहाँ से
इस शहर में मेरे, हमराज़ बहुत हैं।
दोस्त बनकर जो धोखा दे,
उससे बड़ा कोई दुश्मन नहीं हो सकता।
मेरे दोस्त एक बार स्वार्थी न होकर
निस्वार्थ होने की कोशिश कर।
सच बोलों हमेशा मुस्कुराकर,
धोखा न देना दोस्त बनाकर।
हर ख्वाब समझा था तुमको ही लेकिन
मेरा ये भरम था मेरे पास तुम हो।
कुछ सफर साथ चल कर उसने
हाथ छुड़ा लिया, किसी और का होने के लिए।
सच्चा दोस्त उसे कहते हैं जो किसी की नजरों में ना गिरने दे
ना किसी के कदमों में गिरने दे और ना किसी के नजरों में गिरने दे।
दोस्त कितने हैं इससे फर्क नहीं पड़ता
जरूरी यह है कि काम कितने आते हैं।
जब दोस्ती के बीच मतलब आ जाता है तो,
हर मुलाक़ात में कोई न कोई मक़सद आ जाता है।
सच्चे मोहब्बत करने वाले किसी कोने की पहचान बन गये,
और मतलबी दिलों के मालिक हो गये।
जमा करते रहे जो अपने को ज़र्रा ज़र्रा
वह क्या जाने बिछड़ने का सुकुं कितना है।
दोस्त बनना तो दूसरों की मदद पूरी करने को,
अगर अपना मतलब पूरा करना हो तो धंधा करना दोस्ती मत करना।
मतलबी लोगों की मीठी बात,
सम्भाल कर रखे अपनी जज्बात।
जिस दोस्त पर भरोसा किया अगर वो ही धोखा दे दे
तो सारी दुनिया मतलबी लगने लग जाती है।
हम भूल क्या गए कि दुनिया मतलबी है,
देर न लगाई दोस्तों ने याद दिलाने में।
ओ अच्छा था जब सहता रहा
बदतमीज हो गया जब बोल पड़ा।
कहते है दोस्ती जिंदगी बदल देती है,
पर सच, कुछ दोस्त ने मेरी जिंदगी ही बदल दी।
दोस्त ढूंढ़ने हैं तो सच्चे दोस्त ढूंढो,
Matlabi Dost तो तुम्हे अपने आप ही ढून्ढ लेते हैं।
दोस्ती का मतलब अब कुछ नहीं रह गया,
क्योंकि अब दोस्त ही मतलबी हो गए हैं।
साथ रहते हैं मेरे साथ मतलब की
हद तक कहीं थक जाओं तो तनहा,
रुक जाऊं तो तनहा.
हम वक्त गुजारने के लिए दोस्ती को नहीं रखते,
दोस्तों के साथ रहने के लिए वक्त गुजारते हैं।
भाई किसी का नाम नहीं लूंगा
पर थे सब मतलबी।
सच्चे लोग दिल में उतनी जगह नहीं बना पाते हैं,
जितनी जगह मतलबी और चापलूस लोग बना लेते हैं।
काम आए ना मुश्किल में कोई यहां
मतलबी दोस्त हैं मतलबी यार हैं।
दोस्तों पर आँख बंद कर भरोसा किया था,
उन्होंने ज्यादा वक़्त नहीं लगाया मेरी आँखे खोलने में।
अपना भी काम पड़ सकता है
आधे रिश्ते तो इसी वजह से चल रहे हैं।
मत पूछिए हमारी महफिल का पता
बस आ जाइए वहां, जहां गम पर पाबंदी है।
मेरे बुरे वक्त में मेरी कमियाँ गिनाने लगे है,
मतलबी दोस्त, दोस्ती का मतलब समझाने लगे है।
किसी से बिना सोचे समझे बात करना वैसा ही है
जैसे बिना निशाना लगाए गोली चलाना।
मेरी आँखों में तुम पढ़ना,
लफ्ज़ मतलबी होते है अक्सर।
इतनी नफरत तो मेरे दुश्मन भी मेरे लिए नहीं रखते है,
जितनी मेरे दोस्त दिलों में नफरत लिए सादगी से मिलते हैं।
वो दौर गया जब बेमतलब मिल लिया करते थे,
अब तो दोस्त भी घर पर पॉलिसी बेचने आया करते हैं।
हम दोस्ती में मजबूर होकर दोस्त को मौका देते रहे,
फिर भी हमे दोस्त कहने वाले आखिर धोखा ही देते रहे।
मुफ्त का यहाँ कफ़न नहीं मिलता,
तो बिना गम के प्यार कौन देगा।
बुरे वक़्त का बस यही फायदा होता है कि
मतलबी दोस्त अपने आप दूर हो जाते हैं।
अच्छे दोस्त कभी मतलबी नहीं होता हैं,
Matlabi Log कभी अच्छे दोस्त नहीं होते हैं।
जो देते है वहीं पातें है,
दोस्ती को कभी मत धोखा देना।
इतना भी मतलबी न हो यार किसी का
जब चाहा प्यार किया, जब चाहा भुला दिया।
बहुत दिनों से कोई जख्म नहीं मिला
थोड़ा पता लगाओ ये अपने हैं कहां।
असली लोग कभी नकली नहीं होते,
और नकली लोग कभी असली नहीं होते।
एक दूसरे का कभी साथ नहीं छोड़ेंगे यह कहते थे वो दोस्त,
आज पता चला कि सब के सब झूठ कहते थे वो दोस्त।
बड़ा गुरूर था मुझको मेरे दोस्त की दोस्ती पर,
बाद में दोस्त की सकल में वही गद्दार निकला।
विश्वास करें भी तो किसपे,
अब तो दोस्त भी मतलबी होने लगे हैं।
पहले शाम निकलती थी साथ बैठ कर,
अब काम निकलते हैं साथ बैठ कर।
तब दुश्मनों के दिल को बड़ा करार आता है,
जब दो दोस्तों की दोस्ती के बीच दरार आता है।
बेवजह बात करते थे जो चार दोस्त मिल कर,
आज तब तक बात नहीं करते जब तक कोई ख़ास वजह नहीं मिलती।
मुझ पर एक एहसान करना,
बेईमान दोस्त दूर ही रहना।
जिन्दगी जीने का कुछ ऐसा अंदाज रखों,
मतलबी दोस्तों को नजरअंदाज रखों।
हम मतलबी नहीं कि चाहने वालो को धोखा दे,
बस हमें समझना हर किसी की बसकी बात नहीं।
दोस्ती पर ऐतबार करने का दौर अब गुजर गया,
अब हर कोई बेवक्त बदलने का हुनर सीख गया।
इंसान की अच्छाई पर सब खामोश रहते हैं
चर्चा अगर उसकी बुराई पर हो, तो गूंगे भी बोल पड़ते हैं।
वक़्त सही तो सब सही
वरना मुझसे बुरा कोई नही।
ये दर्द है साहब गैरों से कम
अपनों से ज्यादा मिलता है।
वाक़ई ज़माना खराब है,
सबको बस पैसे से मतलब है,
सब मतलब के यार हैं।
बरें दोस्त कोयले की तरह होते है
जब कोयला गर्म होता है तो हाथ जलाता है
और जब ठंडा होता है तो हाथ काला कर देता है।
तेरी रुस्वाई से मुझे एक सबक मिला है
दुश्मन भी इतना नहीं करता जितना
तूने दोस्त बनके किया है।
मतलबी दुनिया में लोग अफ़सोस से कहते है कि
कोई किसी का नहीं
लेकिन कोई यह नहीं सोचता कि हम किसके हुए।
आज जाने क्या बात हो गई
सुबह ही रात हो गई
क्यों रूठ गई अचानक मुझसे
क्या फिर किसी से मुलाकात हो गई।
प्यासी ये निगाहें तरसती रहती है
तेरी याद मे अक़्सर बरसती रहती है
हम तेरे खयालों मे डूबे रहते है
और ये ज़ालिम दुनियां हम पर हंसती रहती है।
कौन किसको दिल में जगह देता हैं,
सूखे पत्ते तो पेड़ भी गिरा देता हैं,
वाकिफ हैं हम दुनिया के रिवाजो से,
मतलब निकल जाये तो हर कोई भुला देता हैं।
दिन और रात का फासला हूं मैं
जाने कब से खुद से नहीं मिला हूं मैं
खुद शामिल नहीं किसी सफर में
पर लोग कहते हैं काफिला हूं मैं।
बातें विश्वास और भरोसे की बेमानी सी लगती हैं,
झूठी दुनिया में वफादारी अनजानी सी लगती है
झूठे लोगों से भरी पड़ी हैं कहानियां यहाँ किताबों में
प्यार से बोल दे कोई तो मेहरबानी सी लगती है।
कभी मतलब के लिए
तो कभी, दिल्लगी के लिए
हर कोई मुहब्बत ढूंढ रहा है
यहाँ ज़िन्दगी के लिये।
जिसे समझते थे हम अपना सच्चा यार
वही फरेब कर गया
इस फरेबी दुनिया में मैं तन्हा रह गया.!!
ए मेरे यारो बहुत तकलीफ होती है
जब मतलब पूरा होने पर
कदर कम हो जाती है
तब दोस्ती खत्म हो जाती है.!!.
देख लिया दुनिया
तुझको तू भी मतलबी है
मेरी हर खुशी के साथ
और गम मैं अजनबी है..!
कॉलेज मे आने के बाद पता चला
कल तक जो स्कूल में जिगरी यार थे
आज मतलबी लोग बन गए..!
Matlabi Dost Shayari in Hindi [मतलबी दोस्त के लिए शायरी]
मतलब की दोस्ती
मतलब के साथी
देख ली आजमा के मैने
दुनिया में तेरी यारी..!
अपने मतलब के लिए
दोस्त कितने बदल जाते है
अक्सर मंजिल के साथ
चलने से हाथ छोड़ देते है..!
आजकल के दोस्त कहते है
हर मुश्किल में हम
तेरे साथ खड़े है
पर जब मुश्किल आए
तो कर दिए हाथ खड़े है..!
ढूढना ही है तो परवाह करने वालों को ढॅूढ़ीये साहेब
इस्तेमाल करने वाले तो ख़द ही आपको ढॅूढ़ लेंगे !
ढूढना ही है तो परवाह करने वालों को ढॅूढ़ीये साहेब
इस्तेमाल करने वाले तो ख़द ही आपको ढॅूढ़ लेंगे !
किसी से बिना सोचे समझे बात करना वैसा ही है
जैसे बिना निशाना लगाए गोली चलाना।
जो तुमसे प्यार करेगा वो तुम पर गुस्सा भी
करेगा मतलबी लोग अक्सर चापलूसी
किया करते है !!
इतनी नफरत तो मेरे दुश्मन भी
मेरे लिए नहीं रखते है
जितनी मेरे दोस्त दिलों में नफरत
लिए सादगी से मिलते हैं !!
कभी किसी पर ज्यादा विश्वास मत करो जानी
यहां दोस्त भी धोखा दे दिया करते हैं !!
बहुत इज्जत करता हूँ मैं अपने दुश्मनों की
क्युकी बहुत कुछ सीखा मैं इनसे ठोकर
खा कर !!
मेरी आखो में तुम पढ़ना
लफ्ज़ मतलबी होते है अक्सर !!
असली लोग कभी नकली नहीं होते
और नकली लोग कभी असली नहीं होते।
सच्चे दोस्तों की एक निशानी होती है
वो मिलने के लिए वक़्त और मतलब नहीं ढूंढते !!
बड़ा गुरूर था मुझको मेरे दोस्त की
दोस्ती पर
बाद में दोस्त की सकल में वही
गद्दार निकला !!
.
मोहब्बत से ज्यादा दोस्ती पर गुमान था
मेरा दोस्त मेरे लिए मेरी जान था
आखिर धोखा दिया उस दोस्त ने भी
जिसके लिए मै जान देने को तैयार था !!
भले ही कितना ही कीमती
लिबास पहन लो लेकिन एक बात
ध्यान रखना घटिया किरदार
कभी छुपता नहीं !!
कुछ मतलबी लोग ना आते
तो जिंदगी इतनी बुरी भी ना थी
मुझे ये जानकार बहुत ख़ुशी हुई के तुम
बहुत मजे कर रहे हो वो भी मेरे बिना।
चेहरे दो थे मेरे उस दोस्त के पास
एक मतलब से पहले देखा था और
एक मतलब पूरा होने के बाद देखा है।
हम दोस्ती में मजबूर होकर दोस्त
को मौका देते रहे
फिर भी हमे दोस्त कहने वाले
आखिर धोखा ही देते रहे !!
दोस्त बना कर वो खेल रचा रहा था
मेरी मोहब्बत को मुझसे छीन कर अपनी बना रहा था
दोस्ती नाम को भी वो कलंक लगा रहा था
मै उस बेवफा दोस्त के धोखे में आ रहा था !!
कोन है रियल फ्रेंड और कोन Fake Friend है
ये तो आपके मुश्किल वक़्त आने पर
ही पता चलता है !!
जब मतलबी दोस्त दिल में उतर जाते है
तो कई सपने टूट कर बिखर जाते है !!
बुरा वक़्त आया तो कमियां
गिना रहे हैं
मेरे दोस्त अब मुझे दोस्ती का
मतलब समझा रहे है
अपने दुश्मन से तो जरूर बचो
पर उस दोस्त से भी बचो
जो तुम्हारे सामने तुम्हारी तारीफ़
और तुम्हारी पीठ पीछे तुम्हारी बुराई करे !!
दोस्ती के अब मतलब बदलने लगे है
जब से मतलब की दोस्ती होने लगी है !!
दोस्त पर था विश्वास उसने तोड़ दिया था
अपनी मोहब्बत को हमने दोस्त के लिए छोड़
दिया था उस दोस्त ने भी हमसे धोखा किया
जिसके लिए हमने अपनी मोहब्बत को बेवफा बोल दिया था !!
अब खुद से ही नफरत हुई जा रही है
की दोस्ती कर के कोन सा मैडल
हासिल कर लिया !!
सूरज के साथ रहकर भी भूला नहीं अदब
लोग जुगनू का साथ पाकर मगरूर हो गये !!
दोस्त ढूंढ़ने हैं तो सच्चे दोस्त ढूंढो
मतलबी दोस्त तो तुम्हे अपने आप ही ढून्ढ लेते हैं
सच्चे मोहब्बत करने वाले किसी कोने
की पहचान बन गये
और मतलबी दिलों के मालिक हो गये !!
वह आखरी वक्त तक कहता रहा तू
मेरा भाई है
वो साफ़ लफ्जो में खुद को धोखेबाज
भी ना कह सका !!
दोस्तों के साथ हम खुश रहा करते थे
मोहब्बत से पहले दोस्तों को वक़्त दिया करते थे
उन दोस्तों के साथ हम हर रोज़ पिया करते थे
आखिर बेवफा निकले दोस्त जिनके लिए हमजिया करते थे।
एक सच्चा दोस्त आपके हर अच्छे
बुरे समय में आपके आगे खड़ा होगा
लेकिन Fake Friend हर बार कोई
न कोई बहाने ढूंढ़ता मिलेगा !!
किसी ने जब पूछा मुझसे
कि दोस्ती कब तक चलती है
तो मैंने भी कह दिया कि बस
मतलब तक चलती है !!
दोस्ती पर ऐतबार करने का दौर
अब गुजर गया
अब हर कोई बेवक्त बदलने का
हुनर सीख गया !!
दोस्ती करने से पहले
दोस्त को आज़माना चाहिए
यहाँ दोस्ती के नाम पर
लोग बर्बाद कर दिया करते हैं !!
भरोसे का महत्व हमारी ज़िन्दगी में
एक दम टैटू जैसा है
एक बार उतरने के बाद दोबारा पहले
जैसा कभी नहीं लगता !!
मतलबी दुनिया के लोग खड़े है हाथों में पत्थर लेकर
मैं कहाँ तक भागूँ शीशे का मुकद्दर लेकर !!
जिस दोस्त पर भरोसा किया
अगर वो ही धोखा देदे
तो सारी दुनिया मतलबी लगने
लग जाती है !!
अरे मोहोब्बत तो दूर की बात है
अब तो किसी की दोस्ती भी नहीं चाहिए !!
तब दुश्मनों के दिल को बड़ा करार आता है
जब दो दोस्तों की दोस्ती के बीच दरार आता है !!
बुरे वक़्त का बस यही फायदा होता है
के मतलबी दोस्त अपने आप दूर हो जाते हैं।
वो कहती थी तुम्हारे दोस्त सही नहीं
हमने उसे छोड़ दिया था
आखिर फिर याद आई उसकी
जब दोस्तों ने हमें दगा दिया था !!
भले ही मैं एक परफेक्ट
दोस्त न बन सका
लेकिन कम से कम गद्दार
तो नहीं हूँ !!
कुछ लोगो को लगता है हमें उनकी
चालाकियाँ नहीं दिखती
अरे हम तो ख़ामोशी से उन्हें अपनी
नज़रों से गिरता हुआ देखते है !
जिन्दगी जीने का कुछ ऐसा अंदाज रखो
मतलबी दोस्तो को नजर अंदाज रखो !!
कैसे भरोसा करू गैरों के प्यार पर
यहाँ अपने ही मजा लेते हैं
अपनों की हार पर !