जिंदगी बितानी है, पर तुम बिन नहीं..
1 Line Love Shayari in Hindi [लव शायरी हिंदी]
राहें गलत नहीं होती, हम गलत चुन लेते हैं..
बेवफाई एक बार करो, तो आदत बन जाती हैं..
बदला हुआ वक्त याद नहीं रहता, मगर लोग याद रहते हैं..
धक धक होता, जब तेरा बक बक चलता..
दुनिया जीतने की ख्वाहिश रखने वाले दुनिया की बातों पर ध्यान नहीं देते।
तुमने बात ना की हम बतला ना सके, तुम समझ ना सके हम समझा ना सके।
हम उनके लिए जी रहे हैं जो हमारे मरने का इंतज़ार कर रहे हैं।
हमारे पास है सबसे बेहतरीन हिंदी वन लाइन लव शायरी कलेक्शन
प्यार तो बस एक बार होता है
मैं तो बस हवस बस जाती है
मसला ये नहीं के मेरा दर्द कितना है
मुद्वा ये है कि तुम्हें परवाह कितनी है
जानता हूँ की मुश्किलें बड़ी हैं
इश्क़ की राहों में पर मुझे सुकून
आता भी हैं तो उसी की बाहों में!
दवा जब असर ना करे,
तो नज़रें उतारती है माँ
ज़नाब, ये हार कहाँ मानती है।
फुरसत में याद कर लेती थे हैं हमे,
और हम उसे प्यार समझ बैठा था।
हम लिखते हैं उनके बारे में पर वो
सोचते हैं किसी और के बारे में!
गिले भी हैं तुझसे,
शिकायतें भी हजार हैं…
फिर भी जाने क्यों,
मुझे तुझसे ही प्यार है.!!
मेरे लफ्ज़ फ़ीके पड़ गए तेरी अदा के सामने,
मैं तुझे ख़ुदा कह गया अपने ख़ुदा के सामने।
खुशी दे, या गम दे दे मगर देते रहा कर,
तू उम्मीद है मेरी तेरी हर चीज अच्छी लगती है।
काश तुम पूछो मुझे क्या चाहिए
मैं पकडूं हाथ आपका और कहूं तेरा साथ चाहिए।
जैसे चांद के होने से रौशन ये रात है,
हां तेरे होने से मेरी जिंदगी में वैसी ही कुछ बात है।
हमेशा के लिए रख लो ना, पास मुझे अपने
कोई पूछे तो बता देना, किरायेदार है दिल का!!
मैं वक़्त बन जाऊं तू बन जाना कोई लम्हा,
मैं तुझमें गुजर जाऊं तू मुझमें गुजर जाना।
अंदाजा मेरी मोहब्बत का
सब लगा लेते हैं,
जब तुम्हारा नाम सुनकर
हम मुस्कुरा देते हैं।
याद नही कुछ पर याद जैसा कुछ तो है,
दरम्यान तेरे मेरे प्यार कैसा कुछ तो है।
बे इख्तियार मेरी जिंदगी का तुम्हें इख्तियार दिया था,
तुम भूल जाओ मगर मुझे याद है मैंने तुम्हें प्यार किया था.!
जब किसी की रूह में उतर जाता है मोहब्बत का समंदर,
तब लोग जिंदा तो होते हैं लेकिन किसी और के अंदर।
प्यार का पता नही
ज़िंदगी हो तुम..
जान का पता नही
दिल की धड़कन हो तुम।
ये तुमसे किसने कहा तुम इश्क़ का तमाशा करना,
अगर मोहब्बत करते हो हमसे तो बस हल्का सा इशारा करना।
मेरी रूह की तलब हो तुम,
कैसे कहूं सबसे अलग हो तुम…
हम तुझे याद करते हैं रात की तन्हाई में,
दिल डूबता है दर्द की गहराई में,
हमे मत ढूंढना इस जमाने की भीड़ में,
क्योंकि हम मिलेंगे तुझे तेरी ही परछाई में।
ना होकर भी तुम मौजूद हो मुझमें,
क्या खूब तुम्हारा वजूद है मुझमें।
किस रूई से बने हैं ना जाने किस सुई से सिले हैं…
ये धागे हैं जो तेरे और मेरे अहसास के..!!
एक दर्द छिपा है सीने में मुस्कान अधूरी लगती है,
जाने क्यों बिन तेरे हर शाम अधूरी लगती है।
दिल जिससे जिंदा है वो तमन्ना तुम ही हो…
और जिसमे हम बस रहे हैं वो दुनिया तुम ही हो…
मुझे नशा है, तुझे याद करने का…
और ये नशा, मैं सरेआम करता हूं !!
किताबों में मिला सूखा गुलाब बता रहा है
मोहब्बत में उनके एक अलग ही महक थी!
मेरे बस में अगर होता हटा कर चांद तारों को,
मैं नीले आसमां पर तेरी आंखें बना देता।
तुम्हारे दिल में कैद है…
हमारी धड़कने,
धड़कते रहना वरना मर…
जायेंगें हम.!
माना कि जायज नहीं इश्क तुमसे बेपनाह करना,
मगर तुम अच्छे लगे तो ठान लिया ये गुनाह करना..
कुछ ना किया मगर
वो दर्द बेहिसाब दे गये.!!
देखो ना… मुझ अनपढ़ को,
मोहब्बत की किताब दे गये !!
तुम पूछ लेना सुबह से, न यकीन हो तो शाम से ये दिल धड़कता है तेरे ही नाम से।
लफ्जों से क्या मुकाबला, नजरों के वार का.. असर अक्सर गहरा होता है, बेजुबाँ प्यार का..!!
ये पता नहीं था हमको कि कभी चाहने लगेंगे तुमको।
न कोई शौक था न कोई चाहत थी पर जब तुझसे मिला तो दोनों पूरे हो गए
ज़िन्दगी के सफ़र में ऐसा अकसर होता है मुश्किल फैसला ही हमेशा बेहतर होता है।
मोहब्बत भी ठंड जैसी है, लग जाये तो बीमार कर देती है..!!
नशा कोई भी हो जान लेवा ही होता है, यकीन तब हुआ जब तेरी लत लगी..!!
आज भी है मेरा एक ही वादा, मरते दम तक चाहूँ तुझे हद से ज्यादा..!!
काश तुम कभी जोर से गले लगा कर कहो,
डरते क्यों हो पागल तुम्हारी ही तो हूँ।।
कैसे हो जाऊँ मैं तुमसे जुदा,
धड़कन के बगैर कोई जिंदा रह सकता है भला !
तुमसे मिले है जबसे, जी चाहता है,
की अब बिछड़ जाये सबसे।
ना वो हमसे कहते है,
ना हम उनसे कहते है,
पर दोनों के दिलो में,
दोनों रहते है…।
छुपा लो मुझे अपने साँसों के दरमियाँ,
कोई पूछे तो कह देना जिंदगी है मेरी।
तुम मेरी बेचैनी हो या सुकून,
आज तक समझ नहीं पाया मैं।
मोहब्बत करना है, फिर से करना है
बार बार करना है, हज़ार बार करना है
लेकिन सिर्फ तुमसे ही करना है।
इश्क़ का कोई लोकतंत्र नहीं होता,
वरना धरना दे दे के तुझे अपना बना लेते।
जब तुमसे बात नहीं होती
पल पल मरते है हम,
तुम्हारी कसम तुमसे बहुत
प्यार करते है हम।
थोड़े गुस्से वाले थोड़े नादान हो तुम,
पर जैसे भी हो मेरी Jaan हो तुम।
वो एक पल ही काफी है,
जिसमे तुम शामिल हो।
अपने विचारों में ताकत
रखो आवाज़ में नहीं,
क्योंकि फसल बारिश
से होती है बाढ़ से नहीं।
ए दर्द कुछ तो डिस्काउंट दे,
मैं तेरा रोज़ का ग्राहक हूँ।
कोई किस्मत वाला ले जाएगा
तुम्हें हम प्यार करते ही रह जाएंगे
प्यार तो बस एक बार होता है
मैं तो बस हवस बस जाती है
तुम्हारे चेहरे पर, ये जो मुस्कान है
क्या कहें यही तो हमारी जान है।
वह परी है मेरी मै उसकी
पर्रबा करता हूं!
वह मुझसे प्यार नहीं करती
मै एक तरफा करता हूं!
गज़ब का अहसास होता है,
एकतरफा इश्क़ में ना इजहार
की खुशी ना इनकार का ग़म!
किताबों में मिला सूखा गुलाब बता रहा है
मोहब्बत में उनके एक अलग ही महक थी!
जो Nind चुराते है, वो कहते है सोते क्यो नहीं
अरे जब इतनी ही फिक्र है तो हमारे होते क्यों नहीं!
उनकी ना थी कोई गलती हमने
ही कुछ गलत समझ बैठे
वो मोहब्बत से बात करती थी,
और हम उसे मोहब्बत समझ बैठे!
फुरसत में याद कर लेती थे हैं हमे,
और हम उसे प्यार समझ बैठा था।
रोज तेरा इंतजार होता है,
रोज ये दिल बेकरार होता है,
काश तुम समझ सकते की
चुप रहने वालो को भी
किसी से प्यार होता है !
प्यार तो हम दोनों ने किया था,
मैंने बहुत किया था, और उसने
बहोतो से किया था!
सबका अपना एक अलग ही किस्सा है
फिर भी सब एक ही भीड़ का हिस्सा हैं!
किताबों में मिला सूखा गुलाब बता रहा है
मोहब्बत में उनके एक अलग ही महक थी!
शायर बनना बहुत आसान है,
बस एक अधूरी मोहब्बत की
मुकम्मल डिग्री चाहिए…!
उनकी ना थी कोई गलती हमने
ही कुछ गलत समझ बैठे
वो मोहब्बत से बात करती थी,
और हम उसे मोहब्बत समझ बैठे!
फुरसत में याद कर लेती थे हैं हमे,
और हम उसे प्यार समझ बैठा था।
हम लिखते हैं उनके बारे में पर वो
सोचते हैं किसी और के बारे में!
इश्क़ के फरिस्तों से इजाज़त लेके मैं
तुम्हारे लिए खुदा से तोहफा ले आऊंगा
वो और होंगे जो महल बना कर चले गए
मैं तुम्हारे लिए एक नयी जन्नत बनाऊंगा
तेरे बिना कोई हमें हमारा नहीं लगता
इस इश्क़ के दरिया को कोई किनारा नहीं लगता
तेरे होकर तो मरना भी क़बूल था
तुझसे बिछड़कर तो जीना गवारा नहीं लगता
सड़क, मंदिर, दुआ, नदी
हर चीज़ में मुझे तेरा अक्स दिखता है
1 Line Love Shayari in Hindi [लव शायरी हिंदी]
जिनके हो उन्हें क्या खबर क्या हो तुम
उनसे पूछो जिन्हें तुम मिले नहीं
सड़क, मंदिर, दुआ, नदी
हर चीज़ में मुझे तेरा अक्स दिखता है
जिनके हो उन्हें क्या खबर क्या हो तुम
उनसे पूछो जिन्हें तुम मिले नहीं
पहले तुम खूब थे अब कमाल हो गए
गुलाब तुम्हें देख कर और लाल हो गए
बन गए हो तुम मोहब्बत की वजह
और कही अब दिल लगता नहीं
वो जो तुम्हारे उदास होने पे रो दे
ऐसा शख्स नसीबों से मिलता है
खेलते खेलते बड़े हो गए
हम जाने कब तेरे हो गए
खुदा का करिश्मा या तुमको बंदगी कह दूँ
बुरा ना मानो तो तुमको ज़िन्दगी कह दूँ
देखने के लिए सारी कायनात भी कम है
चाहने के लिए एक चेहरा भी बहुत है
मुझे इश्क़ है तुमसे बस तुमसे ही करूँगा
ये वादा है मेरा हर वादा पूरा करूँगा
वो तो अपने इश्क़ का मारा हूँ मैं
वरना दुनिया दारी मुझे भी आती है
अब तो रेहम करो मुझपे करीब आओ मेर
कब तक यूँ दूर से मोहब्बत करूँगा मैं
गिरना था जो आपको तो सौ मक़ाम थे,
ये क्या किया कि निगाहों से गिर गए।
कद बढ़ा नहीं करते, ऐड़ियां उठाने से
ऊंचाईया तो मिलती हैं, सर झुकाने से।
जिन जख्मो से खून नहीं निकलता समझ लेना
वो ज़ख्म किसी अपने ने ही दिया है।
नहीं बस्ती किसी और की सूरत अब इन आँखों में,
काश की हमने तुझे इतने गौर से ना देखा होता ..
अश्कों से भीगे पन्ने पर यूँ लफ्ज़ सिमटते गए,
दर्द से बेहाल कलम और ज़ज़्बात पिघलते गए।
वो लड़ कर भी सो जाए तोह उसका माथा चूम लू
उस से झगड़ा एक तरफ और मोह्हबत एक तरफ
हमनें हाथ फैला कर इश्क मांगा था,
सनम ने हाथ चूमकर जान निकाल दी..
सामने बैठे रहो दिल को करार आएगा ,
जितना देखेंगे तुम्हे उतना ही प्यार आएगा ..
रिश्ता बनाया है तो निभायेंगे,
हर वक्त तुमसे लड़ेंगे और तुम्हे मनायेंगे!
हो के तुम मेरे मुझको मुकम्मल कर दो,
अधूरे-अधूरे अब हम ख़ुद को भी अच्छे नहीं लगते।
वो साथ थे तो एक लफ़्ज़ ना निकला लबों से,
दूर क्या हुए… कलम ने क़हर मचा दिया।
वो साथ थे तो एक लफ़्ज़ ना निकला लबों से,
दूर क्या हुए… कलम ने क़हर मचा दिया।
वो न आएगा हमें मालूम था इस शाम भी, इंतज़ार उस का मगर कुछ सोच कर करते रहे.
पलको पर रूका है ‘समन्दर’ खुमार का, कितना अजब नशा है तेरे ‘इंतजार’ का.
पलको पर रूका है ‘समन्दर’ खुमार का, कितना अजब नशा है तेरे ‘इंतजार’ का.
वह परी है मेरी मै उसकी
पर्रबा करता हूं!
वह मुझसे प्यार नहीं करती
मै एक तरफा करता हूं!
फुरसत में याद कर लेती थे हैं हमे,
और हम उसे प्यार समझ बैठा था।
हम लिखते हैं उनके बारे में पर वो
सोचते हैं किसी और के बारे में!
ये किस तरह की मोहब्बत मै तुमसे करता हूं
मै तुमसे ही तुम्हारी तारीफ़ करने से डरता हूं!
मेरे मोहब्बत की बस इतनी सी कहानी है
जो मुड़ के देखती थी अब देख कर मुड़ती है!
किताबों में मिला सूखा गुलाब बता रहा है
मोहब्बत में उनके एक अलग ही महक थी!
इरादा दोस्ती का था लेकिन
मोहब्बत हो गई आपसे।
Irada dosti ka tha lekin
mohabbat ho gai apse.
तुम खुश रहो मेरे
लिए वही काफी है।
Tum khush raho mere
liye wahi kafi ha.
मेरा दिल चोरी हो गया है
मुझे शक है तुम पर।
Mera dil chori ho gaya
ha mujhe shak ha tum pr.
एक आप और आपका
प्यार मेरे लिए काफी है।
ek aap aur apka pyar
mere liye kafi hai.
तुमसे मिलकर लगा अब
क्या मिलना किसी और से।
Tumse milkar Laga ab
kya Milana kisi Aur se.
पता है सुकून क्या है
तुम्हारा मेरे पास होना।
Pata hai sukun kya
ha tumhara mere
pass hona.
तुझसे ज्यादा मेरा और कोई नहीं।।
Tujhse jyda mera or koi nhi.
तुम्हें पसंद करने वाले
मुझे बिल्कुल पसंद नहीं।
Tumhe pasand karne
wale mujhe bilkul
pasand nahi.
तुम में कुछ बात होगी तभी तो तुम्हारी बात होगी।
दुनिया जीतने की ख्वाहिश रखने वाले दुनिया की बातों पर ध्यान नहीं देते।
दिल के कारखाने में मेरे कई उम्मीद कई वादे टूटे हुए मिलेंगे।
तुमने बात ना की हम बतला ना सके, तुम समझ ना सके हम समझा ना सके।
अजीब वस्तु विनिमय प्रणाली है प्यार के बदले नफरत मिलती है।
वहां कुछ बोलना बेकार है जहाँ सब बस अपनी सुना रहे हों।
हम उनके लिए जी रहे हैं जो हमारे मरने का इंतज़ार कर रहे हैं।
दिल में तेरी चाहत लबों पे तेरा नाम है
तू मोहब्बत कर या ना कर मेरी जिंदगी तेरे नाम है
ठहर जा नजर में तू
जी भर के तुझे देख लूं
बीत जाए ना ये पल कहीं
इन पलों को में समेट लूं
ये ज़ुल्फ़ अगर खुलके बिखर जाये तो अच्छा,
इस रात की तकदीर संवर जाए तो अच्छा,
जिस तरह से थोड़ी सी तेरे साथ कटी है,
बाकी भी इसी तरह गुजर जाए तो अच्छा।
एक पल के लिए जब तू पास आता है,
मेरा हर लम्हा ख़ास बन जाता है,
सँवरने सी लगती है ये ज़िन्दगी अपनी,
जब भी तू मेरी बाहों में मुस्कुराता है।
धड़कने आज़ाद हैं पहरे लगाकर देख लो..
प्यार छुपता ही नहीं तुम छुपाकर देख लो..
तेरे इंतज़ार में मेरा बिखरना इश्क़ है,
तेरी मुलाकात पे मेरा निखरना इश्क़ है।
न होके भी तू मौजूद है मुझमें
क्या खूब तेरा वजूद है मुझमें
तेरे हुश्न पे कुर्बान हो जाऊ
तेरी बाहों में बेजान हो जाऊ
ऐसी नज़ाक़त है तेरी सूरत की
की मै तेरा गुलाम हो जाऊ
हँसते हुए तुझको जब भी देखता हूँ मैं,
तू ही दुनिया है मेरी, यही सोचता हूँ मैं।
होते तुम पास तो कोई शरारत करते,
लेकर तुम्हे बाहों में बेपनाह मोहब्बत करते !
कैसे हो जाऊँ मैं तुमसे जुदा,
धड़कन के बगैर कोई जिंदा रह सकता है भला !
मोहब्बत की कहूँ देवी या तुमको बंदगी कह दूँ,
बुरा मानो न गर हमदम तो तुमको ज़िन्दगी कह दूँ।
तुम मेरी बेचैनी हो या सुकून,
आज तक समझ नहीं पाया मैं।
दुःख चाहे कितने भी हो,
ख़ुशी बस तुम हो।
ये जिंदगी कितनी खूबसूरत है,
बस अब आप आइये आपकी ही जरूरत है।
एक तू और एक तेरी मोहब्बत,
इन दो लफ़्ज़ों में है दुनिया मेरी।
मेरी मोहब्बत को
इस तरह हाँ कहा उसने,
मेरी माँ को माँ कहा उसने।
मैं हैरान हूँ कि तुमसे
इतनी मोहब्बत क्यों है मुझे,
जब भी प्यार शब्द आता है
चेहरा तेरा ही याद आता है ।
सुनो ना
वो जो लाखों में एक होता है ना
मेरे लिए बस वही हो तुम।
वो पूछते है हमें –
क्या हुआ है तुम्हें ?
अब उन्हें कैसे बताये
उन्हीं से मोहब्बत हुई है…
तलब ये की तुम मिल जाओ,
हसरत ये की उम्र भर के लिए।
कलम लिख नहीं सकती,
मेरे दिल के फ़साने
मुझे तुझसे मोहब्बत है,
तेरे दिल की खुदा जाने।।
ना वो हमसे कहते है,
ना हम उनसे कहते है,
पर दोनों के दिलो में,
दोनों रहते है…।
मेरी बेपनाह मोहब्बत का
एक ही उसूल है,
मिले या ना मिले
तू हर हाल में क़ुबूल है।
छुपा लो मुझे अपने साँसों के दरमियाँ,
कोई पूछे तो कह देना जिंदगी है मेरी।